Fairplay घोटाला: सरकार का भारत में लगभग $500 मिलियन की लॉन्ड्रिंग का खुलासा

लेखक Anchal Verma
अनुवादक Moulshree Kulkarni

भारत सरकार की कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Fairplay बेटिंग ऐप से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन का पर्दाफाश किया है। इसमें फर्जी कंपनियों, शेल बैंक खातों और अपंजीकृत भुगतान गेटवे का उपयोग करके अवैध रूप से देश के बाहर ₹4,000 करोड़ ($469.6 मिलियन) से अधिक की राशि भेजी गई थी। विशेष PMLA अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क में मुख्य आरोपी के रूप में Krish Laxmichand Shah, Chirag Shah, और Chintan Shah का नाम है।

नकली बैंक खाते

ED के अनुसार, आरोपियों ने भारतीय उपयोगकर्ताओं से धन एकत्र करने के लिए लगभग 400 डमी यानी नकली बैंक खातों का उपयोग किया। ये खाते ऐसे व्यक्तियों के नाम पर थे, जिनका इस व्यवसाय में कोई वास्तविक संलिप्तता नहीं थी। इसके बाद फर्जी आयात लेनदेन की आड़ में NS Online Services, Dynamic Services, और Signox Overseas जैसी शेल कंपनियों के माध्यम से आय का लेन-देन किया गया।

इसके अलावा, कुछ फंड फर्जी बिलिंग में शामिल दवा कंपनियों के माध्यम से भेजे गए, जिन्हें हांगकांग, चीन और दुबई में अपतटीय संस्थाओं को भेजा गया।

लोकसभा चुनावों पर अवैध स्ट्रीमिंग और सट्टा लगाना

Fairplay भारत में एक अपंजीकृत स्पोर्ट्स बेटिंग और ऑनलाइन कैसीनो प्लेटफ़ॉर्म है। इसने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैचों सहित लोकप्रिय इवेंट्स को अवैध रूप से स्ट्रीम करके लोकप्रियता हासिल की। ​​ED की जांच से पता चला कि Fairplay ने 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी सट्टा लगाने की अनुमति दी थी – जो भारतीय कानून के तहत सख्त वर्जित गतिविधि है।

यह मामला अप्रैल 2023 में Viacom18 द्वारा दर्ज की गई शिकायत से उपजा है, जिसमें Fairplay द्वारा अनधिकृत IPL स्ट्रीमिंग का आरोप लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप ₹100 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ था। एफआईआर के बाद, महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने जांच शुरू की, जिसे बाद में ED ने अपने हाथ में ले लिया।

सेलिब्रिटी प्रमोशन और उपयोगकर्ता विश्वसनीयता रणनीति

उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने और बनाये रखने के लिए, Fairplay ने कई मशहूर हस्तियों को शामिल करते हुए मार्केटिंग अभियान शुरू किये। ED अधिकारियों के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म ने मुफ्त IPL मैच स्ट्रीम की भी पेशकश की और विश्वास बनाने के लिए एकत्रित धनराशि का लगभग 70 प्रतिशत खिलाड़ियों को वापस कर दिया। Fairplay का प्रचार करने वाली हस्तियों को बाद में महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने तलब किया था।

Mahadev Online Book और दुबई संचालन से संबंध

जांचकर्ताओं को Fairplay और Mahadev Online Book (MOB) नेटवर्क के बीच सीधे संबंध मिले हैं, जो ED जांच के तहत एक और अवैध सट्टेबाजी मंच है। दुबई से संचालित होने वाले Krish Shah ने भारतीय परिचालन को संभालने के लिए Fair Play Sport LLC और Fairplay Management DMCC जैसी फर्म स्थापित कीं। उन्होंने स्वामित्व छिपाने के प्रयास में ऐप के डोमेन पंजीकरण को दुबई स्थित Anil Dadlani को भी स्थानांतरित कर दिया।

प्रमुख गिरफ्तारियाँ और चल रही जाँच

फरवरी 2025 में, ED ने Chirag और Chintan Shah को गिरफ़्तार किया, जो Fairplay के सॉफ़्टवेयर बैकएंड को प्रबंधित करते थे। इस बीच, ₹13 करोड़ की लूट के आरोपी Maa Sharda Sales से जुड़े तीन व्यक्तियों को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया गया। Krish Shah और सहयोगी Siddhant Iyer फ़िलहाल फ़रार हैं।

ED ने 3,000 करोड़ रुपये के अवैध भुगतान की सुविधा के लिए Beffy Finserv Pvt Ltd और Truefund Innovations India Pvt Ltd जैसी पेमेंट गेटवे फर्मों की भी पहचान की है। इन फर्मों ने कथित तौर पर संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए एक्सिस बैंक के साथ अपनी व्यवस्था का दुरुपयोग किया।

जांच जारी है, अधिकारियों ने अवैध नेटवर्क से जुड़ी अपतटीय संपत्तियों और अन्य व्यक्तियों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

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