भारत में वीडियो गेमिंग का उदय – एक ‘भारत’ क्रांति

Lea Hogg 3 सप्ताह पहले
भारत में वीडियो गेमिंग का उदय – एक ‘भारत’ क्रांति


भारत में वीडियो गेमिंग की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आया है। वीडियो गेम अब सिर्फ एक समय बिताने के शौक से बढ़कर एक देश भर में फैला बन गया है, जिसे ‘भारत’ क्रांति कहा जा रहा है। यह बदलाव न केवल गेमिंग की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है, बल्कि देश के बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य का भी प्रतिबिंब है।

भारत की वीडियो गेमिंग इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में यहाँ के आईटी बुनियादी ढांचे के तेज़ विकास, हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी का बहुत बड़ा हाथ माना जा रहा है। इंडस्ट्री का विकास इस बात से स्पष्ट है कि गैर-महानगरीय छोटे शहरों और गाँवों में गेमर्स के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है, जो 2022 में 57 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 66 प्रतिशत हो गया।

आज के डिजिटल युग में, भारतीय संस्कृति का जश्न मनाने के लिए भी वीडियो गेम खास तरह से बनाये जा रहे हैं। खेलों के टाइटल्स में भारतीय परंपरा से जुड़े किरदार हैं, जो खिलाड़ियों को भारत के बहुत बड़े और सांस्कृतिक परिवेश की रोमांचक यात्रा पर ले जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेम डेवलपर्स से आम तौर पर देखे जाने वाले गेमिंग यूनिवर्स से परे सोचने और अपने गेम में ‘पंचतंत्र’ को शामिल करने का आग्रह किया है। इस तरह की पहल न केवल हमारी समृद्ध संस्कृति को दुनिया से मिलाएगी, बल्कि बच्चों को हमारी पौराणिक कथाओं और इससे जुड़े मूल्यों के बारे में भी सिखाएगी।

आज का दौर बड़े और ख़ास बदलावों का दौर है, जो केवल मनोरंजन से आगे बढ़कर देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था के ताने-बाने में प्रवेश कर रहा है। 2029 तक 7.24 बिलियन डॉलर के अनुमानित बाजार आकार के साथ, भारत ग्लोबल गेमिंग क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी द्वारा बढ़ावा दिया गया है।

गिने-चुने लोगों के बीच टाइमपास से देशभर में फैले घटनाक्रम में रूपांतरण

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन यूजर बेस के साथ, भारत ग्लोबल गेमिंग ऑडियंस का 10 प्रतिशत हिस्सा है। औसत भारतीय इंटरनेट यूज़र्स अपनी मूल भाषा में कंटेंट देखना और पढ़ना पसंद करते हैं और भारत में अधिकतर लोग से ज़्यादा भाषाएँ जानते हैं। हालाँकि हिंदी लोकलाइज़ेशन ज़रूरी है, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, ओडिया और बंगाली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने से गेमर्स का एक बड़ा बाजार खुल सकता है जो मुख्य रूप से हिंदी या अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं का उपयोग करते हैं।

यह नज़रिया वीडियो गेमिंग इंडस्ट्री में रोजगार के नए मौकों को भी बढ़ावा दे सकता है, जहाँ लोग हिंदी या अंग्रेजी भाषा ना आने पर भी गेम डेवेलप कर सकते हैं। मार्च 2020 में गेमिंग यूजरबेस 365 मिलियन को पार कर गया। मोबाइल यूज़र्स इंडस्ट्री का 85 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं, इसके बाद पीसी यूज़र्स 11 प्रतिशत और टैबलेट यूज़र्स 4 प्रतिशत हैं।

कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों का मीडिया और एंटरटेनमेंट देखने के ट्रेंड्स में बदलाव देखा गया। KPMG ने 2020 में फिल्म, टीवी और प्रिंट जैसे आम क्षेत्रों में 20 प्रतिशत कमी होने का अनुमान लगाया। इसके उलट, वो गेमिंग और डिजिटल मीडिया कन्सम्प्शन में तेज़ी से बदलाव की उम्मीद करते हैं और 2021 में ग्लोबल ग्रोथ 33 प्रतिशत बढ़कर $25.4 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान लगाते हैं।

भारत में वीडियो गेमिंग में इतना तेज़ उछाल सिर्फ़ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि एक क्रांति है जो देश के सांस्कृतिक और आर्थिक ताने-बाने को नया आकार दे रही है। जैसे-जैसे ‘भारत’ मज़बूत होता जा रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ग्लोबल गेमिंग इंडस्ट्री के भविष्य को कैसे आकार देता है।

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